Common Activities / Events of Malwanchal University
मालवांचल यूनिवर्सिटी और ओरिएंटल यूनिवर्सिटी मिलकर करेंगे रिसर्च प्रोजेक्ट
28th February, 2024
मालवांचल यूनिवर्सिटी और ओरिएंटल यूनिवर्सिटी मिलकर करेंगे रिसर्च प्रोजेक्ट
इंदौर। मालवांचल यूनिवर्सिटी इंडेक्स समूह संस्थान चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र के साथ अब रिसर्च के क्षेत्र में भी नई उपलब्धि हासिल हुई है। रिसर्च के क्षेत्र में अब दोनों संस्थान साथ मिलकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रोजेक्ट पर एक दूसरे के साथ कार्य करेंगे। दोनों यूनिवर्सिटी के शिक्षक और छात्रों के साथ रिसर्चर्स को भी नॉलेज शेयरिंग का अवसर मिलेगा। मालवांचल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॅा.संजीव नारंग, और ओरिएंटल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर वाइस चांसलर सुनील के सोमानी उपस्थित थे । मालवांचल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ.लोकेश्वर सिंह जोधाणा और ओरिएंटल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. प्रद्युम्न यादव ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।इस अवसर पर इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेशसिंह भदौरिया व वाइस चेयरमैन मयंकराजसिंह भदौरिया ने मालवांचल यूनिवर्सिटी की रिसर्च टीम की सराहना की।दोनों संस्थानों के बीच एमओयू होने के बाद अब रिसर्च टीम को नए प्रोजेक्ट,इंटर्नशिप प्रोग्राम से जुड़ने का मौका मिलेगा। इस अवसर पर मालवांचल यूनिवर्सिटी की रिसर्च डायरेक्टर डॅा.लिली गंजू ने बताया कि यह एमओयू दोनों ही यूनिवर्सिटी के छात्रों और शिक्षकों के लिए काफी फायदेमंद होगा। दोनों ही संस्थान एक-दूसरे को संसाधनों का इस्तेमाल कर सकेंगे। रिसर्च,साइंस, रिसर्च/परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए यह एमओयू साइन किया गया। एमओयू के अवसर पर साइंटिफिक आफिसर डॅा.नेहा जायसवाल,साइंटिस्ट डॅा.श्रुति शुक्ला असिस्टेंट रजिस्ट्रार रिसर्च दीपशिखा विनायक,ओरिएंटल यूनिवर्सिटी की ओर से डॉ. ध्रुव घई, प्रो.वाइस चासंलर,,डॉ. सुधा वेंगुर्लेकर, डीन-फार्मेसी,डॉ. सचिन कुमार जैन, प्राचार्य, ओसीपीआर उपस्थित थे।
इंडेक्स नर्सिंग कॅालेज मालवांचल यूनिवर्सिटी द्वारा वर्ल्ड वॅाटर डे पर सेमिनार आयोजित किया
22nd March, 2024
पानी बचाना हम सबका दायित्व
इंडेक्स नर्सिंग कॅालेज मालवांचल यूनिवर्सिटी द्वारा द्वारा वर्ल्ड वॅाटर डे पर सेमिनार
भूजल वैज्ञानिक सुधींद्र मोहन शर्मा युवाओं को समझाया पानी का महत्व
इंदौर। इंडेक्स नर्सिंग कॅालेज मालवांचल यूनिवर्सिटी द्वारा वर्ल्ड वॅाटर डे पर सेमिनार आयोजित किया गया।इस अवसर पर मुख्य अतिथि नेशनल वॅाटर ड्रिंकिंग वॅाटर सिक्योरिटी पायलट प्रोजेक्ट मिनिस्ट्री ऑफ़ ड्रिंकिंग वॉटर और सेनिटेशन गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया के सुधींद्र मोहन शर्मा थे। देश के जाने माने हाइड्रोलॉजिस्ट सुधींद्र मोहन शर्मा ने कहा कि पृथ्वी पर 70 प्रतिशत जल है। वहीं मनुष्य के शरीर में भी 70 फीसदी जल है। जल पर्याप्त मात्रा में है, लेकिन सही प्रबंधन नहीं होने से जल समस्या बनी हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा खपत ज्यादा है। इंदौर में लगभग 550 एमएलडी पानी बंटता है, जिसमें से 60% व्यर्थ बह जाता है। अत: बढ़ती मांग को देखते हुए आवश्यक है। दूषित जल को उपचारित कर पुनः उपयोग करें। एक परिवार 675 लीटर पानी में से 270 लीटर पानी फ्लश कर देता है। इसके पुन: इस्तेमाल से पानी के लिए इंदौर की नर्मदा पर निर्भरता कम हो जाएगी।
नदियों को उधार के पानी से जीवंत करना उपाय नहीं
उन्होंने कहा कि नदियों के खत्म होने को भी इसी ईकोसिस्टम से जोड़ते हैं। हालांकि उनके पास इस ईकोसिस्ट के खत्म होने का एक और कारण है। वे कहते हैं कि गांवों में पशुओं की संख्या बढ़ने से यहां की पहाड़ियां उनकी चारागाह बन गईं और इस तरह से यहां की प्राकृतिक वनस्पति खत्म होने लगी । इसके साथ मिट्टी बहती रही और पहाड़ों की बाहरी सतह पर पत्थर रह गए।ऐसे में नदियां कितने दिनों तक बची रहेंगी और पानी खेतों तक कितने दिनों तक आएगा यह कहना मुश्किल है क्योंकि इसका खर्च लगातार बढ़ता रहेगा। वे कहते हैं कि इस इलाके में हर कहीं एक एकड़ जमीन पर बारिश का एक करोड़ लीटर पानी जुटाया जा सकता है। ऐसे में किसान सरकार से इस पानी को जुटाने की व्यवस्थाएं बनाने की मांग करें क्योंकि उधार के पानी से अपनी खत्म की हुई नदियों को जिंदा करना आने वाली पीढ़ियों के लिए ठीक नहीं होगा।नर्मदा का पानी इन नदियों में लाना एक तरह से उधार का पानी और उधार की पहचान लेना है।इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेशसिंह भदौरिया व वाइस चेयरमैन मयंकराज सिंह भदौरिया,कुलपति डॅा.संजीव नारंग के मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम रजिस्ट्रार डॅा.लोकेश्वर सिंह जोधाणा एवं प्राचार्या डॅा.स्मृति जी सोलोमन द्वारा सुधींद्र मोहन शर्मा को स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया। यह कार्यक्रम डॉ बिंदयानी देवी और नितिन चिंचोलकर द्वारा किया गया ।