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Common Activities / Events of Malwanchal University

मालवांचल यूनिवर्सिटी इंडेक्स समूह संस्थान द्वारा दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन

22nd December, 2023

पर्यावरण को बेहतर बनाने की सोच लोगों के मन में होगी तभी हम सफल होंगे

मालवांचल यूनिवर्सिटी द्वारा दो दिवसीय नेशनल कॅान्फ्रेंस शुरू

देशभर के पर्यावरणविद् एवं मनोरोग विशेषज्ञ शामिल

इंदौर और मांडव में दो दिवसीय कॅान्फ्रेंस में देशभर के विशेषज्ञ शामिल

मालवांचल यूनिवर्सिटी इंडेक्स समूह संस्थान द्वारा दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है। इसमें इनविप्सीकॉन (ENVIPSYCON 2023) पर्यावरण संकट :शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ पर प्रभाव और समाधान विषय पर देशभर के विशेषज्ञों ने पहले दिन अपने विचार प्रस्तुत किए। इंडेक्स मेडिकल कॅालेज सभागृह में डिपार्टमेंट ऑफ साइकेट्री मालवांचल यूनिवर्सिटी और इंडियन साइकेट्री सोसायटी के द्वारा कॉन्फ्रेंस आयोजित की जा रही है। इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेशसिंह भदौरिया व वाइस चेयरमैन मयंकराजसिंह भदौरिया,डायरेक्टर आर एस राणावात,मालवांचल यूनिवर्सिटी के प्रो.चांसलर डॅा.संजीव नारंग के मार्गदर्शन में यह कॉन्फ्रेंस आयोजित की जा रही है। इस अवसर पर इंडियन साइकेट्री एसोसिएशन के प्रेसिंडेंट डॅा. विनय कुमार,कॅान्फ्रेंस आयोजक सचिव डॅा.रामगुलाम राजदान,पर्यावरणविद् पद्मश्री डॅा.जनक पलटा मगिलिगन,डॅा.अनिल भंडारी ,डॉ अनिल त्रिवेदी इंडेक्स मेडिकल कॅालेज डीन डॅा.जीएस पटेल,चिकित्सा अधीक्षक डॅा.स्वाति प्रशांत, एडिशनल डायरेक्टर आर सी यादव,लेफ्टिनेंट कर्नल डॉ. अजय सिंह ठाकुर, डॉ सुधीर मौर्या ने दीप प्रज्जवल कर कॅान्फ्रेंस की शुरुआत की। कॅान्फ्रेंस आयोजक सचिव डॅा.रामगुलाम राजदान ने कहा कि मालवांचल यूनिवर्सिटी और इंडेक्स समूह संस्थान मप्र का सबसे बड़ा चिकित्सा शिक्षा समूह है। इसमें इनविप्सीकॉन नेशनल कॅान्फ्रेंस एक छोटा सा प्रयास है जिसके जरिए हम देशभर के विशेषज्ञों को एक मंच पर लाने में कामयाब हुए। जहां पर्यावरण विद से लेकर मनोरोग विशेषज्ञों ने पर्यावरण संकट :शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ पर प्रभाव और समाधान विषय पर चर्चा की।

सोचने से ज्यादा हमें कुछ करने की जरुरत

इंडियन साइकेट्री एसोसिएशन के प्रेसिंडेंट डॅा. विनय कुमार ने कहा कि हमारी पर्यावरण और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर भी कई विषय और बाते बिखरी हुई है। बस हमें उसे एक व्यवस्थित तरीके से लोगों के बीच पहुंचाने की जरूरत है।उन्होंने कहा कि मेडिकल शिक्षा में पर्यावरण और मानसिक स्वास्थ्य दोनों पर मुद्दों पर एक चैप्टर बनाने की बात हुई । हमारी टीम ने कई किताबों में अलग-अलग विषय को जोड़कर पर्यावरण और मानसिक स्वास्थ्य पर पीजी स्टूडेंट्स के लिए एक चैप्टर बनाया। हमारा मानना है कि पर्यावरण और मानसिक स्वास्थ्य पर केवल बात नहीं बल्कि रिसर्च के साथ कई प्रोजेक्ट पर काम करने की जरूरत है। डॅा.जनक पलटा मगिलिगन ने कहा कि जल,जंगल और जमीन के बारे में सोचने से ज्यादा हमें कुछ करने की जरुरत हैं। बरली संस्थान कुछ कर गुजरने की ऐसी मिसाल हैं। जिसने पर्यवारण के साथ आदिवासी महिलाओं की जिंदगी में कई बदलाव किए। डॉ अनिल भंडारी ने कहा कि पर्यावरण के बारे में इंदौर जैसे शहर को भी सोचने की जरुरत हैं। यदि हम एक सफ़ेद रुमाल राजवाड़ा तक ले जाये तो हम उस पर लगे धूल के कण से अंदाज लगा सकते हैं प्रदूषण का स्तर क्या हैं।प्रदूषण केवल पर्यावरण पर नहीं हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डालता हैं।

पर्यावरण के प्रति कुछ करने की सोच मन में होना जरूरी

आईपीएस के वाइस प्रेसिडेंट डॅा.लक्ष्मीकांत राठी ने कहा कि हम पर्यावरण और मानसिक स्वास्थ्य के लिए छोटी-छोटी कोशिशें करें।इंदौर में हमने कई जगह लिखा देखा कि स्वच्छता हमारे मन में बसती है। पर्यावरण को बेहतर बनाने की सोच लोगों के मन में होगी तभी हम सफल होंगे। इंदौर के डॅा.अपूर्व पुराणिक ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के साथ हमारे दिमाग पर पर्यावरण के बदलने का असर होता है। कई बार हम इसे नजरअंदाज करते है लेकिन यही हमारे लिए खतरनाक साबित होता है। दिल्ली की डॅा.मीना चंद्रा ने मानासिक स्वास्थ्य पर पर्यावरण के प्रभाव पर चर्चा की।उन्होंने कहा कि हम पर्यावरण के बड़े मुद्दों पर बात करते है लेकिन कई छोटी-छोटी बातें हमारे जीवन पर बड़ा प्रभाव डालती है। फिर चाहे वह आपके शहर की एक छोटी सी सड़क क्यों न हो जो जाम लगने पर प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण बन जाती है।डॅा.एसपी गोस्वामी ने जनसंख्या पर पर्यावरण और मानासिक स्वास्थ्य पर उसके प्रभाव के बारे में जानकारी दी। डॅा.जयश्री सिक्का ने मौसम के कारण शरीर पर होते प्रभाव के बारे में जानकारी दी। डॅा.डीके वाघेला ने पानी,मिट्टी और हवा में होने वाले बदलाव के कारण पर्यावरण और मानसिक स्वास्थ्य पर होने वाली दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी।डॉ अनिल त्रिवेदी ने पर्यावरण के बदलते स्वरूप का मानसिक स्वास्थ्य पर असर के बारे में जानकारी दी।डॉ यूसी तिवारी ने कहा की प्रदूषण के कारण मानसिक तनाव भी बढ़ता जा रहा हैं।डॉ रवि डोसी ने प्रदूषण के कारण बदलती लाइफ स्टाइल के बारे में और तनाव के बारे में बताया।संचालन डॉ अंकिता शाही और डॉ सोपान सरदेसाई ने किया।इस अवसर पर इंडेक्स डिपार्टमेंट आफ फिजियोथैरेपी एंड पैरामेडिकल साइंसेस के विद्यार्थियों ने पर्यावरण संकट के बारे में पोस्टर और नाटक के जरिए पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।


निर्भया दिवस पर इंदौर में मालवांचल यूनिवर्सिटी के छात्राओं ने सीखे आत्मरक्षा के गुर

16th December, 2023

निर्भया दिवस पर इंदौर में मालवांचल यूनिवर्सिटी के छात्राओं ने सीखे आत्मरक्षा के गुर

आत्मरक्षा कार्यशाला ‘रक्षम’ में नेहरू स्टेडियम में 17 हजार से अधिक छात्राओं ने लिया हिस्सा

पूरे मध्य प्रदेश में शनिवार (16 दिसंबर) को निर्भया डे के मौके पर विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसी क्रम में इंदौर के नेहरु स्टेडियम में महिलाओं के लिए सेल्फ डिफेंस वर्कशॉप का आयोजन किया गया।इस दौरान स्कूली छात्राओं और महिलाओं को सार्वजनिक स्थलों पर हिंसा और उत्पीड़न से बचने के लिए सेल्फ डिफेंस के जरिये खुद को सुरक्षित रखने के तरीके बताए गए। विश्व की सबसे बड़ी आत्मरक्षा कार्यशाला ‘रक्षम’ का आयोजन निर्भया दिवस के अवसर पर नेहरू स्टेडियम में सुबह 10 बजे से किया गया। 17 हजार छात्राओं और महिलाओं को सशक्त बनाने और उनकी सुरक्षा के उद्देश्य से कार्यक्रम हुआ। जिसमें शहर के विभिन्न स्कूलों और कॅालेजों के विद्यार्थियों को आत्मरक्षा के गुण सिखाए गए। आपातकालीन स्थिति में किस तरीके से व्यवहार करना है उसके भी कई टिप्स बच्चियों को दिए गए।दरअसल, दिल्ली में हुए निर्भया कांड के बाद से ही 16 दिसंबर के दिन को निर्भया दिवस के रूप में बनाया जाता है। जिसमें महिला सुरक्षा को लेकर विभिन्न प्रकल्प चलाए जाते हैं।इसी कड़ी में आज नेहरू स्टेडियम में भी छात्राओं के लिए एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें निजी संस्था के द्वारा नेहरू स्टेडियम में 17 हजार से अधिक छात्रों को मार्शल आर्ट्स के जरिए आत्मरक्षा में गुण सिखाए गए। वहीं आपातकालीन स्थितियों में बच्चियों को किस तरीके से उससे निपटना और व्यवहार करना चाहिए उसके भी कई टिप्स दिए गए। इस कार्यक्रम में मालवांचल यूनिवर्सिटी और इंडेक्स समूह संस्थान के 300 से अधिक विद्यार्थियों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेशसिंह भदौरिया,वाइस चेयरमैन मयंकराजसिंह भदौरिया, डायरेक्टर आर एस राणावत,एडिशनल डायरेक्टर आर सी यादव ने महिला सुरक्षा को लेकर चलाए गए इस महाअभियान रक्षम की सराहना की। इस अवसर पर मालवांचल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॅा।लोकेश्वर सिंह जोधाणा एवं असिस्टेंट रजिस्ट्रार डॅा।राजेंद्र सिंह सहित शिक्षक और छात्रों ने हिस्सा लिया।

विश्व की सबसे बड़ी आत्मरक्षा कार्यशाला ‘रक्षम’ में जनप्रतिनिधियों ने ली शपथ

महिला सशक्तिकरण को लेकर आयोजित हुई इस विशेष कार्यशाला में कलेक्टर के साथ ही नगर निगम और जिला प्रशासन के कई अधिकारी शामिल हुए। भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव सहित कई विधायक और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। एनजीओ ज्वाला (वॉयस ऑफ वुमेन) द्वारा शनिवार को विश्व की सबसे बड़ी आत्मरक्षा कार्यशाला ‘रक्षम’ का आयोजन निर्भया दिवस पर नेहरू स्टेडियम में सुबह 10 बजे से किया गया। कलेक्टर डॉ। इलैया राजा टी ने बताया कि 17 हजार छात्राओं और महिलाओं को सशक्त बनाने और उनकी सुरक्षा के उद्देश्य से कार्यक्रम आयोजित हुआ।ज्वाला संस्था की संस्थापक डॉ। दिव्या गुप्ता ने बताया कि यह पहल सिर्फ रिकॉर्ड नहीं है बल्कि सुरक्षित कल की ओर बड़ा कदम है। संस्था का उद्देश्य भारतीय समाज के विभिन्न वर्गों की महिलाओं को आसानी से वित्तीय और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है।


इंडेक्स मेडिकल कॅालेज में विश्व एड्स दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

01st December, 2023

एड्स के मरीजों के लिए सबसे पहले समाज को सोच बदलना होगी

इंडेक्स मेडिकल कॅालेज में विश्व एड्स दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

इंडेक्स मेडिकल कॅालेज हॅास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर और मालवांचल यूनिवर्सिटी द्वारा विश्व एड्स दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। इंडेक्स मेडिकल कॅालेज सभागृह में एआरटी सेंटर और डिपार्टमेंट आफ कम्युनिटी मेडिसिन द्वारा सेमिनार का आयोजन किया गया।इस अवसर पर डीन डॅा.जीएस पटेल ने कहा कि विश्व एड्स दिवस पर आज सरकार और सामाजिक संगठनों द्वारा विभिन्न कार्यक्रम संचालित किए जा रहे है।एक दौर ऐसा भी जब एक मरीज को इलाज करने में सभी को डर लगता था। एड्स प्रति बढ़ती जागरूकता और दवाईयों के आने के साथ अब इलाज में कुछ बदलाव हुए। एड्स के मरीजों के लिए सबसे पहले समाज को सोच बदलना होगी। इस बीमारी के शुरुआती दौर में बेहतर इलाज और जागरूकता ही इसके खतरे को कम करेेगी। इस अवसर पर वाइस डीन डॅा.पी न्याती,चिकित्सा अधीक्षक डॅा.स्वाति प्रशांत,एडिशनल डायरेक्टर आर सी यादव, कम्युनिटी मेडिसिन एचओडी डॅा.आरती सहस्त्रबुद्धे,डॅा.सुधीर मौर्या अन्य शिक्षक और पीजी स्टूडेंट्स उपस्थित थे।

इंडेक्स एआरटी सेंटर हेड डॅा.दीपक शर्मा ने कहा कि एड्स बीमारी केवल मरीजों के लिए ही खतरनाक है। कई बार इसके मरीजों के इलाज से जुड़े डॅाक्टर्स और नर्सिंग स्टॅाफ को भी इसके खतरे से प्रति जागरूक होने की जरूरत है। उन्होंने ने कहा कि एआरटी सेंटर का उपयोग केवल इलाज और दवा तक सीमित नहीं है। एआरटी सेंटर आज गांवों के साथ शहरों की नई पीढ़ी को एड्स की बीमारी से जुड़े खतरे से भी रूबरू करने में मददगार साबित हो रहे है। सबसे पहले केवल मरीज ही नहीं बल्कि डॅाक्टर को भी एड्स की बीमारी की गंभीरता को समझकर उसका इलाज प्रारंभ करना चाहिए।डॅा.संगीता कोरी ने विभिन्न देशों और राज्यों में एड्स के मरीजों की संख्या के बारे में जानकारी दी। डॅा.रामनाथ के विभिन्न केस स्टडीज के जरिए एड्स के बीमारी के संभावित खतरों के बारे में जानकारी दी। डॅा.पूजा देवधर ने गर्भवती महिलाओं में एड्स के खतरे के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा गर्भवती महिलाओं के साथ शिशु को भी कई बार इस बीमारी से ग्रस्त होने का खतरा होता है लेकिन शुरुआती जागरूकता से हम काफी कुछ इस खतरे से बच सकते है। इंडेक्स नर्सिंग कॅालेज के विद्यार्थियों ने नुक्कड नाटक के जरिए छात्रों को एड्स की गंभीर बीमारी के खतरों के साथ इससे जुड़े अफवाहों से दूर रहने का संदेश भी दिया।

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