Common Activities / Events of Malwanchal University
मालवांचल यूनिवर्सिटी में आजादी के अमृत महोत्सव में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर महाराणा बख्तावरसिंह राणा पर सेमिनार
11th November, 2022
शिक्षा के साथ आजादी और इतिहास की सही समझ होने पर भारत बनेगा विश्वगुरु
मालवांचल यूनिवर्सिटी में आजादी के अमृत महोत्सव में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर महाराणा बख्तावरसिंह राणा पर सेमिनार
मालवांचल यूनिवर्सिटी इंडेक्स समूह संस्थान द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर सेमिनार का आयोजन किया गया।इसमें विद्यार्थियों को भारत देश की आजादी की संघर्ष गाथा के साथ मालवा के वीर योद्धा महाराणा बख्तावरसिंह के जीवन के साथ शिक्षा के महत्व के बारे में जानकारी दी गई। इंडेक्स मेडिकल कॉलेज सभागृह में मालवांचल यूनिवर्सिटी के कुलपति एन के त्रिपाठी ने कहा कि युवा पीढ़ी ही देश के निर्माण में सबसे जरूरी है। आज इस पीढ़ी को खुद से पहले देश को सही मायनों में समझना होगा। आजादी के अमृत महोत्सव के आयोजनों के जरिए हम सही मायनों में अपने देश को जान सकेंगे। आज केवल प्रोफेशनल नॉलेज लेकर पढ़ाई पूरी करना ही हमारी जिम्मेदारी नहीं है। बल्कि हमें महाराणा बख्तावरसिंह जैसे वीरों और आजादी के साथ अन्य विषयों की भी सही समय होना बेहद जरूरी है। सेमिनार श्रृंखला की इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेशसिंह भदौरिया,वाइस चेयरमैन मयंकराज सिंह भदौरिया,डायरेक्टर आर एस राणावत,एडिशनल डायरेक्टर आर सी यादव, रजिस्ट्रार डॅा. एम क्रिस्टोफर ने सराहाना की।
आज हमें शिक्षित होने के साथ खुद के इतिहास को भी जानना जरूरी
कार्यक्रम में महाराणा बख्तावरसिंह के वशंज श्री अभय सिंह राठौर ने युवाओं को शिक्षा और आजादी के साथ महाराणा बख्तावरसिंह के जीवन से जुड़े अहम पहलूओं से रूबरू कराया। अभय सिंह राठौर ने कहा कि आज शिक्षित होने का अर्थ केवल डिग्री लेना नहीं बल्कि आज हमें अपनी भारतीय संस्कृति और आजादी के संघर्ष गाथा का सही ज्ञान भी होना बेहद जरूरी है। किस तरह हमारे देश के ज्ञात अज्ञात वीरों ने हमें इस आजाद हिंदुस्तान में जीने का मौका दिया है, आज हमारी लिए यह सबसे बड़ी शिक्षा है । हम डॅाक्टर या इंजीनियरिंग की पढ़ाई करे लेकिन हमारे देश की संस्कृति को समझे। युवा पीढ़ी को शिक्षा के साथ आजादी और इतिहास की सही समझ होने पर भारत विश्वगुरु बनेगा। आज हर युवा को शिक्षित होने के साथ खुद के पहले इस देश, समाज और परिवार के बारे में भी सोचना चाहिए।
मालवा की माटी के वीर योद्धा के भय से अंग्रेजों ने बदले थे अपने नियम
श्री अभय सिंह राठौर ने कहा कि हमारे देश के हर कोने में वीरों की मौजूदगी गौरव के किस्से गढ़ती आई है। ऐसे ही एक वीर का नाम है मालवा के महाराणा अमर बलिदानी बख्तावर सिंह। मालवा के इस महान महाराणा बख्तावरसिंह ने 1857 में हुए प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान संपूर्ण मालवा व समीपस्थ गुजरात से अंग्रेजों को खदेड़ने के लिए क्रांति कर दी थी। वर्तमान मध्य प्रदेश के जिला धार में स्थित अमझेरा कस्बे में जन्मे महाराणा बख्तावर सिंह को मात्र सात वर्ष की छोटी सी उम्र में रियासत की बागडोर थामनी पड़ी। आज से 165 वर्ष पहले 11 नवंबर, 1857 को वीर महाराणा बख्तावर सिंह अंग्रेजों की घुड़सवार टुकड़ी महाराणा को पकड़ने में सफल हो गई। उन्होंने कहा कि फांसी देते वक्त फंदा टूटने पर माफी दे दी जाती थी, लेकिन अंग्रेजों में महाराणा बख्तावर सिंह का इतना भय था कि उन्होंने अपने ही नियम को तोड़ दिया और इस वीर योद्धा को दोबारा फांसी के फंदे पर लटका दिया। महाराणा को इंदौर में जिस नीम के पेड़ पर फांसी दी गई थी, वह पेड़ आज भी लहलहा रहा है। इस अवसर पर मालवांचल यूनिवर्सिटी के प्रो.वाइस चासंलर डॅा.रामगुलाम राजदान,डीन डॅा.जीएस पटेल, डॅा.सतीश करंदीकर, डॅा.रेशमा खुराना, डॅा.स्मृति जी सोलोमन, डॅा.जावेद खान पठान आदि शिक्षक उपस्थित थे।कार्यक्रम की अध्यक्षता आईआईडीएस असिस्टेंट डीन डॅा.दीप्ति सिंह हाड़ा और डॅा.पूनम तोमर राणा में हुआ। आभार असिस्टेंट रजिस्ट्रार डॅा.राजेंद्र सिंह ने माना। संचालन अशिता अग्रवाल और हर्षिता जामले ने किया ।
New Release:
कोरोनाकाल में उत्कृष्ट कार्य के लिए इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेशसिंह भदौरिया और वाइस चेयरमैन मयंकराज सिंह भदौरिया सम्मानित
12th November, 2022
चिकित्सा शिक्षा में समाजसेवा के साथ समर्पण होना सबसे जरूरी
मेडीविजन के छठे राष्ट्रीय सम्मेलन का विषय संक्रमण चुनौतियों और अवसरों में चिकित्सा शिक्षा है
कोरोनाकाल में उत्कृष्ट कार्य के लिए इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेशसिंह भदौरिया और वाइस चेयरमैन मयंकराज सिंह भदौरिया सम्मानित
आज किसी भी तरह की शिक्षा में समर्पित और समर्पण का भाव होना बेहद जरूरी है। अखिल भारतीय विद्यार्थाी परिषद और मेडीविजन की टीम ने कई बेहतरीन कार्य किया है। भविष्य में चिकित्सकों को प्रोफेशन के साथ खासतौर पर संवेदनाओं का भी ध्यान रखना चाहिए। एक डॅाक्टर .या बेहतर इंसान बनाने के लिए आपको खुद के साथ समाज को कुछ देने की भावना भी खुद में विकसित करना होगी। यह बात नेशनल मेडिकल कमीशन भारत सरकार की अध्यक्ष डॉ. अरुणा व्ही वाणीकर ने कहीं। वे बतौर मुख्य अतिथि मेडीविजन के दो-दिवसीय छठवें राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ में युवाओं को संबोधित कर रही थी। इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज मैदान पर यह सम्मेलन आयोजित किया गया। उद्घाटन सत्र में कोरोना काल में चिकित्सकीय एवं फ़ार्मा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले हेल्थ साईंस क्षेत्र से जुड़े कुछ विभूतियों का सम्मान किया गया। इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेश सिंह भदौरिया, , अमलतास समूह के चेयरमैन मयंकराज सिंह भदौरिया, अरविंदों मेडिकल कॅालेज के डॉ. मोहक भंडारी, डॉ. नीरज सेन एवं एमवाय अस्पताल के अधीक्षक डॉ. प्रमेंद्र सिंह ठाकुर एवं डॉ. अनिल खरया का सम्मान किया गया।.विशेष अतिथि के रूप में देश के जाने माने चिकित्सक डॉ. एस. सुब्बय्या जी उपस्थित रहे। अधिष्ठाता महात्मा गांधी मेमोरियल चिकित्सा महाविद्यालय डॉ. संजय दीक्षित, मेडीविजन के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी एवं मेडीविजन इंदौर की सिमरन कौर भी उपस्थित रहीं।
भारतीय भाषा में चिकित्सा पढ़ाई का बेहतर कदम
डॉ. अरुणा व्ही वाणीकर ने कहा कि भारतीय भाषाओं में मेडिकल की शिक्षा में द्विभाषीय एवं बहुभाषीय शिक्षा पद्धति पर ज़ोर देना जरूरी है। इसमें आपको हिन्दी के साथ क्षेत्रीय भाषाओं का भी ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि नेशनल मेडिकल कमीशन द्वारा चिकित्सा शिक्षा के हित में कई कार्य किए जा रहे है। इसमें देश के सभी कॅालेजों से बेहतरीन शिक्षकों का एक नया ट्रेजरी तैयार किया जा रहा है। इससे देशभर के चिकित्सा शिक्षा के विद्यार्थियों को उनके अनुभव का लाभ मिल सके। डॉ. एस. सुब्बय्या ने कहा कि मेडीविजन से जुड़े छात्रों ने देशभर की कई आपदाओं में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आज चिकित्सा शिक्षा में बदलाव की बयार लाने में मेडीविजन का बहुत बड़ा योगदान है।आज देश में कोरोना के बाद चिकित्सा और फॅार्मा का क्षेत्र ने इस वक्त में इन चुनौतियों से हमने काफी कुछ सीखा ।डॉ वीरेंद्र सिंह सोलंकी,राष्ट्रीय संयोजक मेडीविजन ने कहा कि राष्ट्रीय सम्मेलन में इस वर्ष का विषय चिकित्सा शिक्षा चुनौतियां और अवसर रखा गया है। जिसमे मेडिकल व डेंटल छात्रों के शिक्षा और उनके भविष्य को लेकर चर्चा की जाएगी। इस दो दिवसीय सम्मेलन में 800 से अधिक छात्र भाग लिया। सम्मेलन में छात्रों, शोधकर्ताओं और युवा संकाय सदस्यों के लिए अकादमिक पेपर प्रस्तुति जैसी प्रतियोगिताएं भी शामिल की गई हैं।
Our Institutions
- Malwanchal University
- Index Medical College, Hospital & Research Center
- Index Institute of Dental Sciences
- Index Nursing College
- Department of Physiotherapy and Paramedical Sciences
- Department of Pharmacy
- Index Institute of Pharmacy
- Index Ayurvedic College Hospital & Research Centre
- Index Homoeopathic College Hospital & Research Centre
- Department of Management
- Institute of Agricultural Sciences
- Ph.D.
- Other Courses