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Common Activities / Events of Malwanchal University

मालवांचल यूनिवर्सिटी के प्रयासों से जल्द बदलेगी नेमावर रोड़ की तस्वीर

8th July, 2024

मालवांचल यूनिवर्सिटी के प्रयासों से जल्द बदलेगी नेमावर रोड़ की तस्वीर

देवगुराड़िया से डबल चौकी तक जल्द होगा मार्ग चौड़ीकरण का कार्य

सभी बाधाएं दूर करने के लिए 31.86 करोड़ रुपए की राशि हुई प्रारंभिक तौर पर स्वीकृत

सड़क हादसे और जाम की समस्या से मिलेगी लोगों को राहत

इंदौर। इंदौर नेमावर रोड पर हर साल बड़ी संख्या में सड़क हादसे होते हैं। हर दिन जाम की समस्या के कारण यहां रहने वाले ग्रामीण और राहगीर परेशान होते हैं। मालवांचल यूनिवर्सिटी व इंडेक्स समूह संस्थान के प्रयासों से अब नेमावर रोड़ की तस्वीर जल्द बदलने वाले है। एनएच 47 नेमावर रोड़ पर बढ़ते हादसों के साथ यहां से गुजरने वाले छात्र और राहगीरों की समस्या का मुद्दा मालवांचल यूनिवर्सिटी द्वारा पीएमओ कार्यालय तक पहुंचाया गया। अब इस प्रयास के बाद इस रोड़ पर चौड़ीकरण की तैयारी शुरू की जा रही है। देवगुराड़िया से डबल चौकी तक स़ड़क चौड़ीकरण करने के लिए कहा गया। इसी के साथ चौड़ीकरण के लिए सडक़ के दोनों ओर अतिक्रमण, बाधक निर्माण, पेड़, बिजली के खंभे और ट्रांसफार्मर हटाना होंगे और इसके लिए 31.86 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए।द्वारा करीब 29 किलोमीटर लंबे हिस्से को फोर लेन में बदलने के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनवाई जा रही है। इंदौर-नेमावर रोड पर फोर लेन का ट्रैफिक लोड है, लेकिन यह सड़क टू लेन होने से आए दिन सड़क हादसे होते हैं।सड़क पर 12 हजार से ज्यादा वाहन हर दिन गुजरते हैं। इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेशसिंह भदौरिया ,वाइस चेयरमैन मयंकराज सिंह भदौरिया,मालवांचल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ.संजीव नारंग ने नेमावर रोड़ के चौड़ीकरण के प्रयासों की सराहना की। इससे राहगीरों के साथ छात्रों को भी काफी राहत मिलने की उम्मीद है। मालवांचल यूनिवर्सिटी के साथ सांसद शंकर लालवानी,मंत्री मंत्री व क्षेत्रीय विधायक तुलसीराम सिलावट और नेमावर रोड इंडस्ट्रियलिस्ट एसोसिएशन इंदौर द्वारा भी सड़क के चौड़ीकरण के लिए संयुक्त प्रयास किए जा रहे थे।

यूनिवर्सिटी के प्रयास से मिल सकेगी छात्रों और राहगीरों को जाम से राहत

कुलसचिव डॉ.लोकेश्वर सिंह जोधाणा ने बताया कि मालवांचल यूनिवर्सिटी द्वारा एक पत्र पीएमओ कार्यालय को नेमावर रोड़ के बारे में लिखा गया। यहां कई छात्र इस सड़क से गुजरते है। कई उद्योगों के कर्मचारियों को भी इस सड़क पर जाम के कारण हर दिन परेशान होना होता है। इस मुद्दे को ध्यान रखते हुए एनएचआई को देवगुराड़िया से डबल चौकी तक स़ड़क चौड़ीकरण करने के लिए कहा गया। इसी के साथ चौड़ीकरण के लिए सडक़ के दोनों ओर अतिक्रमण, बाधक निर्माण, पेड़, बिजली के खंभे और ट्रांसफार्मर हटाना होंगे और इसके लिए 31.86 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए। उन्होंने बताया कि मालवांचल यूनिवर्सिटी,इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के साथ इस सड़क पर इंजीनियरिंग कॉलेज और कई स्कूलों के छात्रों के साथ राहगीरों को भी जाम की समस्या से परेशान होना पड़ता है। यहां से आने -जाने वाले विद्यार्थी व कर्मचारी समय पर कार्यालय भी नहीं पहुंच पाते हैं और इससे संस्था, कर्मचारी व विद्यार्थी सभी का नुकसान होता रहता है। व्यावसायिक क्षेत्र होने के कारण कई वाहन आए दिन जाम में घंटों तक फंसे रहते हैं। यदि इस सड़क पर कोई दुर्घटना हो जाए तो मरीज भी एंबुलेंस से समय पर हॉस्पिटल तक भी नहीं पहुंच पाते हैं।नेमावर रोड के चौड़ीकरण के साथ यहां से गुजरने वाले 1 0 हजार से ज्यादा वाहन चालकों को राहत मिल सकेगी।

नया हाइवे बनने के बाद भी नेमावर रोड़ की उपयोगिता बनी रहेगी
एक्सपर्ट्स का मानना है कि नेमावर रोड़ की उपयोगिता नया हाईवे बनने के बावजूद नेमावर रोड की उपयोगिता बनी रहेगी। जिन वाहन चालकों को खलघाट या अकोला हाईवे से आना-जाना है, वे देवगुराडिय़ा होकर ही गुजरेंगे। इसके अलावा इस क्षेत्र का आंतरिक ट्रैफिक तो रहेगा ही, भविष्य की जरूरतों को देखते हुए इसका चौड़ीकरण जरूरी है, क्योंकि फिलहाल यह केवल दो-ढाई लेन चौड़ा ही बना है। सड़क यह रोड बायपास के देवगुराडिय़ा जंक्शन से डबल चौकी तक बनाया जाएगा। इसी के साथ इंदौर-राघौगढ़ ग्रीन फील्ड हाईवे बनने जा रहा है।

नेमावर रोड बनने से किसे मिलेगी राहत

10 से ज्यादा बड़े निजी स्कूल
3 इंजीनियरिंग कॉलेज
1 मेडिकल कॉलेज
60 हजार से ज्यादा शहरी आबादी
30 से ज्यादा कॉलोनियां जुड़ीं
10 हजार से ज्यादा छात्रों का हर दिन आना जाना


इंदौर पुलिस ने मालवांचल यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर युवाओं और ग्रामीणों को सिखाया नए कानून का पाठ

1st July, 2024

मालवांचल यूनिवर्सिटी की तरह सभी को करना होगी नए कानून के प्रति लोगों को जागरूक करने की पहल-डीआईजी निमिष अग्रवाल

'स्वतंत्रता के 75 साल बाद भी औपनिवेशिक काल के कई कानून बोझ की तरह बने हुए थे

मालवांचल यूनिवर्सिटी में नए कानूनों को लेकर सेमिनार में पुलिस अधिकारियों ने लोगों को जागरूक किया

इंदौर पुलिस ने मालवांचल यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर युवाओं और ग्रामीणों को सिखाया नए कानून का पाठ

इंदौर। देशभर में एक जुलाई से लागू हो रहा नया कानून, नागरिकों को न्याय दिलाने के लिए है, इसलिए आप सभी इसमें पारंगत हो जाएं। उससे पहले हमें इसे अच्छे से समझना होगा। इसी उद्देश्य से इंदौर पुलिस और मालवांचल यूनिवर्सिटी इंडेक्स समूह संस्थान में नवीन आपराधिक अधिनियम 2023 के संबंध में सेमिनार का आयोजन किया। इस सेमिनार में इंडेक्स समूह संस्थान के छात्र,ग्रामीण और बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी भी उपस्थित थे। इस अवसर पर इंदौर पुलिस डीआईजी निमिष अग्रवाल,एसपी हितिका वासल,डीएसपी उमाकांत चौधरी,एडीपीओ उदल सिंह मौर्या,थाना प्रभारी खुड़ैल दीपक खत्री ने छात्रों और ग्रामीणों को नए कानून की जानकारी दी। इस अवसर पर इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेशसिंह भदौरिया,मालवांचल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ.संजीव नारंग,रजिस्ट्रार डॉ.लोकेश्वर सिंह जोधाणा,इंडेक्स मेडिकल कॉलेज डीन डॉ.जीएस पटेल,डायरेक्टर आर एस राणावत,एडिशनल डायरेक्टर आर सी यादव ने सभी पुलिस अधिकारियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किए। इस अवसर पर खुड़ैल सहित विभिन्न गांवों के सरपंच और ग्रामीण भी सेमिनार में शामिल हुए।

ई-एफआईआर से ऑनलाइन फैसले और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ट्रायल तक की सुविधा

डीआईजी निमिष अग्रवाल ने कहा कि देशभर में सोमवार से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए है। जिससे भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में व्यापक बदलाव आएंगे और ब्रिटिश काल के कानूनों का अंत हो गया। स्वतंत्रता के 75 साल बाद भी औपनिवेशिक काल के कई कानून बोझ की तरह बने हुए हैं। अब भारत की आत्मा और भावना को प्रमुख आपराधिक कानूनों, भारतीय न्याय संहिता,भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य संहिता में शामिल कर दिया गया है।नए कानूनों से एक आधुनिक न्याय प्रणाली स्थापित होगी जिसमें ‘जीरो एफआईआर', पुलिस में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराना, ‘एसएमएस' (मोबाइल फोन पर संदेश) के जरिये समन भेजने जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम और सभी जघन्य अपराधों के वारदात स्थल की अनिवार्य वीडियोग्राफी जैसे प्रावधान शामिल होंगे।ई-एफआईआर से ऑनलाइन फैसले और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ट्रायल तक की सुविधा भी मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि हम मालवांचल यूनिवर्सिटी.इंडेक्स समूह संस्थान का आभार मानते है कि इन्होंने सामाजिक पहल के साथ ग्रामीण और छात्रों को नए कानून के प्रति जागरूक करने के लिए इतने वृहद स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किया। सभी छात्र,शिक्षक और डॅाक्टर्स को उन्होंने डॉक्टर्स डे की बधाई भी दी।

इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यम से भी होंगी रिपोर्ट दर्ज

एसपी हितिका वासल ने कहा कि आज के युवा वर्ग को अपने देश के नए कानून की जानकारी होना सबसे जरूरी है। कई बार हमें अपना थाना कौनसा है इसकी भी जानकारी नहीं होती है। ऐसे समय में पुलिस और शिक्षण संस्थाएं,संगठनों की जिम्मेदारी है कि नए कानून के प्रति सभी लोगों को जागरूक करें। उन्होंने बताया कि नए कानूनों के तहत अब एफआईआर दर्ज कराने के लिए व्यक्तिगत रूप से थाने तक जाने की जरूरत नहीं होगी। इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन यानी फोन या मैसेज के जरिए भी ये काम हो सकेगा।हमारी जिंदगी में बढ़ते तकनीकी के दखल को देखते हुए इन कानूनों में भी तकनीकी के अधिकतम इस्तेमाल पर जोर दिया गया है।महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर एक नया अध्याय जोड़ा गया है, किसी बच्चे को खरीदना और बेचना जघन्य अपराध बनाया गया है।
डीएसपी उमाकांत चौधरी ने बताय़ा कि नए कानून की आने के साथ ही प्रक्रिया में बड़े स्तर पर बदलाव होने वाले हैं, जैसे में अब किसी व्यक्ति को अगर एफआईआर दर्ज कराना है, तो उसे पुलिस स्टेशन नहीं जाना होगा। साथ ही तलाशी और जब्ती करने के दौरान वीडियोग्राफी करना होगा।इस नई व्यवस्था के लिए तहत अपराध की तत्काल रिपोर्टिंग और पुलिस को तेजी से कार्रवाई करने में मदद मिलेगी। जीरो एफआईआर के आने के बाद अब कोई भी व्यक्ति किसी भी पुलिस स्टेशन से एफआईआर दर्ज करा सकेगा।

सरकारों को गवाहों की सुरक्षा को लेकर भी कड़े निर्देश

एडीपीओ उदल सिंह मौर्या ने बताया कि तीन नए कानूनों को पिछले साल दिसंबर में संसद में पारित किया गया था। अंग्रेजों के जमाने से चल रहे तीन मुख्य आपराधिक कानूनों की जगह अब नए कानून देशभर में प्रभावी हो गए। नए कानूनों में राज्य सरकारों को गवाहों की सुरक्षा को लेकर भी कड़े निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत राज्यों में गवाहों की सुरक्षा पर ध्यान दिया गया ताकि कानूनी कार्यवाही में भरोसा बढ़े। महिलाओं, पंद्रह वर्ष की आयु से कम उम्र के लोगों, 60 वर्ष की आयु से अधिक के लोगों तथा दिव्यांग या गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को पुलिस थाने आने से छूट दी जाएगी और वे अपने निवास स्थान पर ही पुलिस सहायता प्राप्त कर सकते हैं। नए कानूनों के तहत पीड़ितों को 90 दिन के भीतर अपने मामले की प्रगति पर नियमित रूप से जानकारी पाने का अधिकार होगा।भारतीय दंड संहिता में 511 धाराएं थीं, लेकिन भारतीय न्याय संहिता में धाराएं 358 हैं। दरअसल ‘ओवरलैप' धाराओं का आपस में विलय कर दिया गया तथा उन्हें सरलीकृत किया गया है। जिससे भारतीय दंड संहिता की 511 धाराओं के मुकाबले इसमें केवल 358 धाराएं होंगी। नए कानूनों में, महिलाओं व बच्चों के साथ होने वाले अपराध पीड़ितों को सभी अस्पतालों में निशुल्क प्राथमिक उपचार या इलाज मुहैया कराया जाएगा।यह प्रावधान सुनिश्चित करता है कि पीड़ित को आवश्यक चिकित्सकीय देखभाल तुरंत मिले। इस अवसर पर वाइस डीन डॉ.प्रेम न्याती,प्राचार्या डॉ.स्मृति जी सोलोमन,प्राचार्या डॉ.रेशमा खुराना,प्राचार्या डॉ.सुपुर्णा गांगुली,एचआर डायरेक्टर रुपेश वर्मा,आईक्यूएसी डायरेक्टर डॅा.रोली अग्रवाल सहित मालवांचल यूनिवर्सिटी और इंडेक्स समूह संस्थान की ओर से विभिन्न अधिकारी और शिक्षक उपस्थित थे।


इंडेक्स हॅास्पिटल में डॅाक्टर्स डे पर विभिन्न कार्यक्रम

1st July, 2024

मरीजों को नया जीवन देने वाले डॉक्टर ही समाज के असली हीरो

इंडेक्स हॅास्पिटल में डॅाक्टर्स डे पर विभिन्न कार्यक्रम

इंदौर। इंडेक्स हॅास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया गया।इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों में डॉक्टर और एमबीबीएस के विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस दिन को डॉक्टर्स का मनोबल बढ़ाने के लिए भी मनाया जाता है। मरीजों को नया जीवन देने वाले डॉक्टर ही समाज के असली हीरो हैं। किसी को नया जीवन देना बहुत बड़ी सेवा का काम है। इस बारे में विद्यार्थियों को जानकारी दी गई। इस अवसर पर मालवांचल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॅा.संजीव नारंग,डीन डॅा.जीएस पटेल,चिकित्सा अधीक्षक डॅा.स्वाति प्रशांत,डॅा.रामगुलाम राजदान,डॅा.पूजा देवधर सहित विभिन्न डॅाक्टर और छात्र केक कटिंग सेरेमनी में शामिल हुए। इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेशसिंह भदौरिया,वाइस चेयरमैन मयंकराज सिंह भदौरिया ने सभी डॅाक्टर्स को डॅाक्टर डे की बधाई दी। एमबीबीएस के छात्रों को बताया गया कि डॉक्टर बनना न केवल एक प्रोफेशन है, बल्कि समाज से जुड़ने का एक माध्यम भी है। यह किसी सामाजिक कार्य से कहीं ज्यादा है। लोग डॉक्टर के पास एक उम्मीद लेकर आते हैं और उनकी उम्मीद पर खरा उतरना डॉक्टर का कर्तव्य है।लोग डॉक्टर को भगवान का दर्जा देते हैं, उसी दर्जे को निभाने के लिए सभी डॉक्टरों को ईमानदारी से कार्य करना चाहिए।


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